कुलदीप सेन एक भारतीय क्रिकेटर हैं। जो वर्तमान में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हैं। एक साधारण परिवार का लड़का जो एक गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम तक पहुंचाना कोई आसान काम नहीं है। 8 साल की उम्र में इनके दिमाग मैं क्रिकेट का जुनून सवार हो गया था। आज हम इसे साधारण परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम तक पहुंचने वाला कुलदीप सेन की जीवन की बारे में कुछ रोचक बातें जानेंगे।
Cricketer Kuldeep Sen ki jivan Parichay.
कुलदीप सेन एक साधारण नई परिवार से आते हैं। जिनका जन्म 22 अक्टूबर 1996 को हरिहरपुर रीवा मध्य प्रदेश में हुआ था। इनके पिता रामपाल सेन गांव के एक चौराहे पर सैलून की दुकान चलाते हैं। माता का नाम गीता सेन कुलदीप पर तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनसे छोटा भाई राजदीप सेन घरेलू क्रिकेट खेलते हैं और सबसे छोटा भाई फौज में नौकरी करते हैं। कुलदीप पर 8 वर्ष के उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उसे समय उनके पास गेंद और बैट नहीं होता था। वह कपड़ा का गेंद बनाकर खेला करते थे।
कुलदीप सेन की संक्षिप्त परिचय।
पूरा नाम, कुलदीप सेन।
पिता का नाम, रामपाल सेन
माता का नाम, गीता सेन
भाई का नाम, राजदीप सेन
जन्म तिथि और स्थान, 22 अक्टूबर 1996 हरिहरपुर रीवा मध्य प्रदेश।
शिक्षा, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा।
डेब्यू साल, नवंबर 2018 में रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश में शुरूआत किया।
बोलिंग, दाया हाथ
बैटिंग , दाया हाथ
कुलदीप सेन की बॉलिंग करने का स्पीड 140 किलोमीटर के हिसाब से बोलिंग करते हैं। बोलिंग का यह स्पीड बहुत ज्यादा है। इतना स्पीड में बहुत कम क्रिकेटर बोलिंग करते हैं।
कुलदीप सेन की करियर।
कुलदीप सन
घरेलू क्रिकेट रीवा मध्य प्रदेश के लिए खेलते हैं। 2022 में राजस्थान रॉयल्स ने 20 लाख में खरीदा था।
एकदिवसीय श्रृंखला में बांग्लादेश के खिलाफ सितंबर 2022 में पदार्पण किया था। नवंबर 2022 में न्यू एकदिवसीय श्रृंखला में भाग लिया था।
आईपीएल 2024।
कुलदीप सेन राजस्थान रॉयल्स में दमदार प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। संदीप शर्मा के चोटिल होने के बाद कुलदीप को फिर राजस्थान रॉयल्स में खेलनेका मौका मिला। अभी तक के तीन मैच खेल और 6 विकेट लिए। कुलदीप सेन 140 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से बोलिंग करते हैं। राजस्थान रॉयल्स में कुलदीप के प्रदर्शन के कारण संदीप शर्मा की याद नहीं आ रही है। अगर आईपीएल में इसी तरह का प्रदर्शन करते रहें तो राजस्थान रॉयल्स फाइनल तक पहुंचने में कामयाब हो जाएगा।
कुलदीप सेन की अनोखी बातें।
इनके पिता सैलून के दुकान चलाते हैं। इन्होंने अपने पिता से कहा कि मैं अपने हाथों में कैंची और कंघी नहीं पड़ सकता। मैं अपना करियर क्रिकेट में बनाना चाहता हूं। बेटा के जिद के सामने आप को झुकना पड़ा और उन्हें क्रिकेट के कोचिंग के लिए प् कोचिंग सेंटर में लगा दिया।
8 साल के उम्र से कपड़ा के बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था।
अपने पिता से चुपके क्रिकेट का प्रेक्टिस करते थे।
उनके पिता आज भी लोगों के हजामत बनाते हैं। यानी रामपाल सेन आज भी सैलून की दुकान चलाते हैं।
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