फाइटर टायसन: मैच नहीं जीते, लेकिन मौत को हार चुके।


साल 1996 में 20 वर्ष की उम्र में माइक टायसन सबसे युवा हैवी वेट वर्ल्ड चैपियन बने थे। उनका यह रिकॉर्ड 38 साल बाद भी कायम है। अपने 19 साल लंबे करियर में उन्होंने कई सेटबैक देखें। हालांकि हर झटके के बाद उन्होंने एक शानदार कम बैक किया। कभी स्वास्थ्य ने उनके साथ नही दिया तो कभी उन्हें सलाखों की कैद भी देखनी पड़ी। हालांकि 19 साल बाद रिंग में वापसी करने के बाद उन्होंने बता दिया कि उनका जीवन एक फाइटिंग रिंग जैसा ही रहा। जहां कभी कोई हारता है तो कभी जीत जाता है। शुक्रवार को हुई फाइट में भले ही वह जैकपाल से हार गए लेकिन 58 साल की उम्र में अपने से 31 साल छोटे प्रतिद्वंद्वी के सामने आठवीं राउंड तक रिंग न छोड़कर वह खुद में चल रही एक लड़ाई से जीत गए। 

6 साल की जेल, एयर बाइटर कहां गया।
1992 में जब वह करियपर केऊंचाइयों पर थे तब दुष्कर्म के मामले में 6 साल की जय हो गई। वे पहली बार रिंग से दूर हुए। साल 1996 में पेट्रोल पर वापसी करते हुए जीते। 1997 में टायसन को नया नाम मिला एयर बाइटर, जब होली फील्डर का कान काट लिया था। 1998 में कार दुर्घटना में उन्हें 3:30 महीने की जेल हो गई और वह फिर फाइट से बाहर हो गए। 2000 के दशक में टायसन ने ड्रग एडक्शन और आर्थिक के समस्याओं मैं फसाने के बाद 2005 में संन्यास ले लिया। 
बीमारी के 5 महीने बाद रिंग में कर ली वापसी। 
इस साल में में टायसन को जैकपाल ने चैलेंज किया जून में दोनों की हाइट होनी थी। हालांकि टायसन को उसके पहले अल्सर हो गया। उनका 11 दिन इलाज चला। उन्हें आठ बार खून चढ़ाया गया। इस दौरान उनका वजन 12 किलो तक के काम हो गया। फाइट  डाल दी गई। हालांकि 5 महीने में टायसन ने हैवी वेट कैटेगरी में वापसी की और थैंक्स को निराश नहीं किया।
मैच के बाद कहा,
यह उन स्थितियों में से एक है जब आप हर कर भी जीत गए। मैं कल रात के लिए आभारी हूं आखरी बार रिंग में उतारने कोई अफसोस नहीं है। मैं जून में लगभग मार्कर वापस लौटा हूं। मैं लड़ने के लिए और ठीक होने के लिए संघर्ष किया इसलिए मैं जीता हुआ हूं। 
माइक टायसन की उपलब्धियां: 
* 50 मैच जीते 44 नॉनआउट।
* 7 बार हारे 
* 1987 से 1990 तक हैवीवेट चपियन
* 1984 गोल्डन ग्लब्ज ऑफिस अमेरिका चपियन

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